किताब में रखे उस फूल से खुशबू आती तो होगी ?
मेरे नाम से मोहल्ले की लड़कियां तुझे चिढ़ाती तो होंगी ?(१)
नुक्कड़ के उस मोड़ पर जहाँ मिला करते थे हम तुम,
वहां बैठी दुकान वाली अंटी,कोई कहानी सुनाती तो होगी ? (२)
पतझड़ में बहार की जब होती है विदाई,
मेरी चिट्ठियों को हवा में तू यूँहीं उड़ाती तो होगी? (३)
गली में मचता होगा शोर, जब किसी के लौट आने का,
पल भर के लिए मेरी जान, तू घबराती तो होगी ? (४)
पार्क में युहीं बैठा जो मिल जाता होगा कोई जोड़ा,
कुछ सोच कर तू दो आँसूं बहाती तो होगी ? (५)
 
wahh..kya baat hai...mere khud ke purane sher jyada umda lagte hai..kahi aapke saath to nhi ho rha na:-) hehehe...lajwaab sher....!!
ReplyDelete