जाने दो बादलों को
इनका क्या है ?
उड़ते उड़ते
एक दिन थककर
कुछ पानी, कुछ बर्फ़ बनकर
फिर यहीं लौट आएँगे ।
और जो फिर भी न आए
तो मुझे भरोसा है
किसी पत्ते पर रखी एक बूँद में
सावन अब भी बचा है ।।
इनका क्या है ?
उड़ते उड़ते
एक दिन थककर
कुछ पानी, कुछ बर्फ़ बनकर
फिर यहीं लौट आएँगे ।
और जो फिर भी न आए
तो मुझे भरोसा है
किसी पत्ते पर रखी एक बूँद में
सावन अब भी बचा है ।।
 
बादल तो आवारा है... आँखों को बेमौसम सावन दे जाता है... बिन बरसे भिंगो जाता है ...
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