Tuesday, October 14, 2014

एक घटना

ठहरो, रुको
सुनो ज़रा -
अभी अभी
ठीक यहाँ
एक लम्हे की फौत हुई ।
याद में उसकी
जला लो ज़रा
तेरह साँसे तो अपनी ।

सुनो,
हाँ तुम ही -
अभी ठीक यहीं
एक लम्हा जन्म लेगा ।
इसके प्रसव की पीड़ा
किसने सही,
ये तुम मुझसे
पूछना नहीं ।
पर देखकर उसका चेहरा
कोई बीता याद आने लगे ।
या चाल में उसकी
कोई राह पुरानी
लड़खड़ाते दिखे ।
तो तुम इसे केवल
पुनर्जन्म की बस
एक घटना मान लेना ।

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