हम एक साथ कई समय में जीते हैं। साथ ही हर शख्स का अपना-अपना अलग समय भी होता है। ये इतने सारे समय एक साथ कैसे रह लेते हैं? क्या साथ चलते चलते आपस में मिलते हैं? पुराना वक़्त नए को क्या सिखाता होगा? नए, पुराने से कैसे नज़र मिलाता होगा? क्या इन में भी अलग अलग वर्ग होते हैं? क्या ये आपस में मिलते और टकराते हैं? कुछ तो मिलकर एक दुसरे में, घुम भी हो जाते होंगे। शायद ऐसे ही लोगों का समय बदलता है। लोग कहते हैं समय ठहरता नहीं। हर वक़्त चलता रहता है। पर क्या सभी समय एक ही रफ़्तार से चलते हैं? किस सफ़र में हैं ? ल क्ष्य क्या है ? ये चलते हैं तो चलकर जाते कहाँ हैं? ये भी सुना है कि समय सदा एक सा नहीं रहता। बदलता रहता है। जो हर बार बदल जाए, उसे महान और बलवान क्यों कहते हैं? सब अपना-अपना समय बचाने में लगे हुए हैं। जब समय टिकता ही नहीं तो उसे बचाना क्यों? क्या कोई किसी का समय चुरा सकता है? समय के बदले क्या मिलता है? और समय ?
 
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